Translate

Thursday, May 31, 2018


अग्निपथ ~हरिवंश राय बच्चन | Agnipath Poem By Harivansh Rai Bachchan




वृक्ष हों भले खड़े,
हों घने हों बड़े,
एक पत्र छाँह भी,
माँग मत, माँग मत, माँग मत,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।

तू न थकेगा कभी,
तू न रुकेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी,
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।

यह महान दृश्य है,
चल रहा मनुष्य है,
अश्रु श्वेत रक्त से,
लथपथ लथपथ लथपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।

~ हरिवंशराय बच्चन 

Harivansh Rai Bachchan Poems in Hindi – कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती कविता

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती
असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम
संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
दोस्तों मुझे उम्मीद है की आपको यह कविता बहुत पसन्द आई होगी वैसे इस कविता पर काफी सावाल उठे थे की ये जो कविता है लिखी किसने है इसके रचियता कोन है ? हरिवंशराय बच्चन है या निराला ?
तो श्री अमिताभ बच्चन जी ने अपनी फेसबुक पेज पर एक पोस्ट पर कहा है की इस kavita के रचियता सोहनलाल द्विवेदी जी है| 

तो दोस्तों अब यह article यही पर फिनिश हुआ, आपको यह motivational poem in hindi कैसी लगी प्लीज हमको कमेंट करके जरुर बताये|

 अगर आपको यह पोएम अच्छी लगे तो इसको आप अपने दोस्तों के साथ social media पर शेयर जरुर करे like : गूगल प्लस, फेसबुक, ट्विटर, pinterest. 🙂 थैंक्यू फॉर रीडिंग दुबारा जरुर आईयेगा|

अग्निपथ ~हरिवंश राय बच्चन | Agnipath Poem By Harivansh Rai Bachchan वृक्ष हों भले खड़े, हों घने हों बड़े, एक पत्र छाँह भी,...